
राधा अष्टमी एक हिंदू त्योहार है जो भगवान कृष्ण और देवी राधा के बीच दिव्य प्रेम का जश्न मनाता है। इसे राधा जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
राधा अष्टमी मनाने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
राधारानी की पूजा करें: राधा अष्टमी की पूर्व संध्या पर भक्त राधारानी की पूजा करते हैं। वे दिन का उपवास भी कर सकते हैं।
जुलूस का आयोजन करें: भक्त राधा और कृष्ण के जुलूस का आयोजन कर सकते हैं।
घर का बना भोग प्रसाद चढ़ाएं: भक्त घर का बना भोग प्रसाद चढ़ा सकते हैं, जिसमें तुलसी पत्र, पंचामृत, पंजीरी, खीर, हलवा, मालपुआ, पूरी और चना शामिल हो सकते हैं।
हरे कृष्ण महामंत्र का जाप करें: भक्त हरे कृष्ण महामंत्र का जाप कर सकते हैं, “हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे”।
भक्ति गीत गाएं: भक्त राधा रानी को समर्पित भक्ति गीत और भजन गा सकते हैं।
राधा अष्टमी जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आती है, जो भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव है।
Radha Ashtami 2023 in Vrindavan
23 सितंबर 2023 को राधा अष्टमी मनाई जाती है। इस त्योहार को राधा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। यह भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
राधा अष्टमी देवी लक्ष्मी के अवतार राधा की जयंती है। यह त्यौहार वृन्दावन और बरसाना शहरों में मनाया जाता है, जो राधा रानी के शहर हैं।
- त्यौहार में पूजा अनुष्ठान शामिल हैं जैसे:
- राधा कृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं
- मूर्तियों को फूलों, वस्त्रों और गहनों से सजाएं
- देसी घी का दीया जलाएं
- भोग प्रसाद, फल और मिठाइयाँ अर्पित करें
- देवी राधा रानी को श्रृंगार सामग्री अर्पित कर आशीर्वाद मांगा
कुछ लोग राधा अष्टमी का व्रत भी रखते हैं। जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें अगले दिन तक सख्त उपवास रखने का संकल्प लेना चाहिए। यदि आप पूरे 24 घंटे तक उपवास नहीं कर सकते हैं, तो आप मध्याह्न काल तक उपवास कर सकते हैं। मध्याह्न काल के दौरान पूजा करने के बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं।
How to observe Radha Ashtami fast?
राधा अष्टमी देवी लक्ष्मी के अवतार राधा की जयंती है। इसे राधा जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
यहां राधा अष्टमी की कुछ शुभकामनाएं दी गई हैं:
राधा और कृष्ण का दिव्य प्रेम आपके हृदय को आनंद और आनंद से भर दे।
आपका हृदय भक्ति से भर जाए और आपकी आत्मा राधा और कृष्ण के दिव्य प्रेम से स्पर्श हो जाए।
राधा की दिव्य कृपा आपके हृदय को असीम प्रेम और भक्ति का आशीर्वाद दे।
राधा रानी की दिव्य कृपा सदैव आप पर बनी रहे, जो आपको प्रेम और भक्ति से भरे जीवन की ओर मार्गदर्शन करती रहे।
राधा अष्टमी भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिव्य समय से जुड़ी है, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण चरण है। इस वर्ष भाद्रपद शुक्ल अष्टमी 22 सितंबर को दोपहर 1:35 बजे प्रारंभ हुई।
Happy birthday Radha Rani wishes in Hindi
राधा अष्टमी राधा रानी का जन्मदिन है। यह श्री कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद मनाया जाता है। इस वर्ष राधा अष्टमी 23 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी।
यहाँ कुछ राधा अष्टमी की शुभकामनाएँ हैं:
- “राधा रानी की कृपा आपके जीवन को प्यार, आनंद और खुशियों से भर दे। राधा अष्टमी की शुभकामनाएँ!”
- “राधा-कृष्ण का प्रेम हर दिल में विराजमान हैं। राधा अष्टमी की हार्दिक बधाई।”
- “राधा-राधा जपने से हो जाएगा तेरा उद्धार, क्योंकि यही वही वो नाम हैं जिससे कृष्ण को हैं प्यार।”
- “राधा रानी मेरी तो किस्मत ही बदल गई। राधा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।”
राधा रानी की कृपा कैसे प्राप्त करें?
राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:
- राधा अष्टमी के दिन “श्री राधायै स्वाहा” मंत्र का जाप करें
- “ॐ ह्रीं श्री राधिकायै नम:” मंत्र का जाप करें
- श्री राधा स्तोत्र का पाठ करें
- “श्रीराधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र” का पाठ करें
- राधा अष्टमी के दिन 108 बार मंत्र का जाप करें
- राधा रानी को प्रसन्न करने के लिए अरबी की सब्जी का भोग लगाएं
- राधा रानी की कृपा प्राप्त करने के लिए पूरे दिन उपवास रखें
हिंदू मान्यता के अनुसार, राधा रानी की कृपा से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी और आपको सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
राधा मंत्र क्या है?
राधा मंत्र “ॐ ह्रीं श्री राधिकायै नमः” है। यह मंत्र राधा रानी का बीज मंत्र है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस मंत्र का सवा लाख बार जप करने से धन संबंधी सभी परेशानियां दूर होती हैं।
राधा अष्टमी के दिन 108 बार जप करने से राधा रानी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यह मंत्र लक्ष्मी प्राप्ति के लिए विशेष माना गया है।
राधा रानी के 16 नाम हैं:
राधा, रासेस्वरी, रासवासिनी, रसिकेश्वरी, कृष्णप्राणाधिका, कृष्णप्रिया, कृष्णस्वरूपिणी, कृष्णवामांगसम्भूता, परमानन्दरूपिणी, कृष्णा, वृन्दावनी, वृन्दा, वृन्दावनविनोदिनी|
राधा रानी के 16 नामों की व्याख्या “ब्रह्मवैवर्त पुराण” के “श्री कृष्ण जन्म खंड” में स्वयं “भगवान नारायण” ने “नारद जी” से कहीं है।
राधा नाम जपने से क्या होता है?
हिंदू पौराणिक शास्त्रों के अनुसार, राधा का नाम जपने से श्रीकृष्ण प्रसन्न हो जाते हैं। श्रीकृष्ण और राधा का अटूट प्रेम सच्चे प्रेम का प्रतीक है। राधा का नाम जपने से हम प्रेम और भक्ति की अनुभूति कर सकते हैं। यह हमें राधा और कृष्ण के बीच के प्रेम का अनुभव कराता है। इससे हमारा मन भक्ति और प्रेम से भर जाता है।
राधा नाम की महिमा है कि “रा” सुनते ही रोग मिट जाते हैं और “धा” सुनते ही सब बंधन छूट जाते हैं।
राधा नाम को एक मंत्र माना जाता है। जिस भी कामना के साथ इस नाम को जपा जाए वह पूरी होती है। राधे-राधे बोलने से हर बाधा दूर होती है और भविष्य उज्जवल बनता है।
राधा नाम का जाप करने से प्रेम में धोखा खाए लोगों की परेशानियां दूर हो जाती हैं। सुबह जल्दी उठकर राधा नाम का जाप करने से हर संकट से लड़ने की क्षमता मिलती है।
राधे राधे शब्द की शक्ति क्या है?
“राधे-राधे” शब्द में प्रेम की शक्ति होती है। “राधे-राधे” कहने का अर्थ है “हे ईश्वर, हमें मार्गदर्शन दें ताकि हम सत्य को जान सकें और स्वयं को पहचान सकें”।
“राधे-राधे” कहने के कुछ लाभ हैं:
- मोक्ष का मार्ग खुलता है
- व्यक्ति को गोलोक में स्थान मिलता है
- श्री कृष्ण की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है
- बुरी भावनाओं का अंत होता है
- व्यक्ति सत्कर्मों का चयन करता है
- यमराज का भय नहीं सताता
- बिगड़े काम सुधर जाते हैं
- श्री कृष्ण जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं
- “रा” सुनते ही रोग मिट जाते हैं
- “धा” सुनते ही सब बंधन छूट जाते हैं
“राधे-राधे” का अर्थ “हे भोलेनाथ, हमें राह दे, राह दे” भी हो सकता है।
राधे राधे दो बार क्यों कहा जाता है?
राधे-राधे दो बार इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन शब्दों में कुछ ऐसा समाया रहता है जो ईश्वर को प्राप्त होता है। राधे-राधे कहने का अर्थ है प्रेम।
राधा रानी श्री कृष्ण के स्वरूप में विचरण करने लगीं। बृज के लोग उन्हें हे राधे-हे राधे कहकर पुकारते थे।
हिंदू धर्म ग्रंथों में राधा नाम का दो बार उच्चारण करने के कई लाभ बताये गए हैं।
राधा अष्टमी 2023 इस्कॉन
राधा अष्टमी एक हिंदू त्योहार है जो देवी राधा रानी की जयंती मनाता है। यह 23 सितंबर, 2023 को मनाया जाता है। यह त्योहार शुद्ध प्रेम और भक्ति का प्रतीक है। भक्त व्रत रखते हैं, भक्ति गीत गाते हैं और राधा और कृष्ण का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं।
इस्कॉन बैंगलोर और इस्कॉन जुहू 23 सितंबर, 2023 को राधा अष्टमी के उत्सव की मेजबानी कर रहे हैं। आप YouTube पर लाइव दर्शन देख सकते हैं।
राधा अष्टमी पर व्रत रखने के लिए, भक्तों को अगले दिन तक सख्त उपवास रखने का संकल्प लेना चाहिए। यदि आप पूरे 24 घंटे का उपवास करने में असमर्थ हैं, तो आप मध्याह्न काल तक उपवास कर सकते हैं। मध्याह्न काल के दौरान पूजा करने के बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं।
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