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रीट में चीट का बीकानेर कनेक्शन, क्याेंकि शिक्षा निदेशालय यहीं: रीट पेपर साॅल्व करने की आशंका में निलंबित 5 में से 3 शिक्षक फरार*
बीकानेर
रीट का पेपर साल्व करने में सरकारी शिक्षकों की भूमिका पर संदेह जताया गया है। शिक्षा निदेशालय में जिन पांच शिक्षकों काे निलंबित किया है उनकी विभागीय जांच शुरू कर दी है। इनमें से तीन फरार बताए जा रहे हैं। स्कूल प्रिंसिपलों से उनके बारे में जानकारी मांगी गई है। एसओजी इसकी छानबीन में लगा हुआ है।
सांचोर के उदाराम की गिरफ्तारी के बाद जालोर के तीनों शिक्षक चुन्नीलाल, शैतान सिंह और छतराराम फरार है। तीनों शिक्षक बिना सूचना के स्कूलों से अनुपस्थित चल रहे हैं। चुन्नीलाल पिछले ढाई माह से और शैतान सिंह व छतराराम पिछले एक सप्ताह से स्कूल नहीं जा रहे हैं। एसओजी को इनकी भूमिका पर संदेह है। इनकी स्वैच्छिक अनुपस्थिति को लेकर शिक्षा निदेशालय ने इन्हें निलंबित कर दिया है और अब इनकी भूमिका को लेकर तथ्य जुटाए जा रहे हैं। इन तीनों शिक्षकों पर रीट का आउट पेपर सॉल्व करने का संदेह है। स्कूल प्रिंसिपलों को भी पता नहीं है कि शिक्षक कहां है। शिक्षा निदेशालय ने पांचाें शिक्षकों की विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं। निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही शिक्षक सामने नहीं आए तो इन्हें टर्मिनेट भी किया जा सकता है।
तीन शिक्षक एक ही विषय के
उदाराम, चुन्नीलाल और शैतान सिंह तीनों ही पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर है। तीनों जालौर जिले में कार्यरत हैं। रीट परीक्षा 2021 नकल प्रकरण में जालोर के तीनों निलंबित शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने विभागीय जांच शुरू कर दी है। शिक्षा निदेशालय ने राजस्थान असैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1958 के नियम 13 के अंतर्गत इन शिक्षकों को निलंबित किया है।
कौन कब से फरार
चुन्नीलाल: जालौर के भीनमाल स्कूल में कार्यरत राजनीति विज्ञान का व्याख्याता चुन्नीलाल 27 नवंबर 2021 से संबंधित स्कूल से नदारद है।
शैतान सिंह: जालौर के राउमावि सूराचंद चितलवाना मैं राजनीतिक विज्ञान का व्याख्याता शैतान सिंह 28 जनवरी से नदारद है।
छतराराम: जालौर स्थित भीनमाल के स्कूल में प्रबोधक पद पर कार्यरत छतराराम 31 जनवरी से संबंधित स्कूल से अनुपस्थित है।
जयपुर डीईओ पर गिर सकती है गाज
एसओजी ने जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) रविंद्र कुमार से भी पूछताछ की है। ऐसे में उनकी भूमिका संदिग्ध होने पर सस्पेंड किया जा सकता है। दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई राज्य सरकार स्तर पर होती है।
बीकानेर में भी चल रही जांच
रीट में चीट काे लेकर बीकानेर में डिवाइस लगी चप्पलें पकड़ी गई थी। नकल कराने की तैयारी करने के मामले में करीब 18 आरोपियों काे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस प्रकरण में एक अभियुक्त से रिश्वत मांगने का मामला एसीबी में दर्ज है। पूरे मामले की जांच दुबारा की जा रही है।
उदयराम को गिरफ्तार कर लिया गया है। चुन्नीलाल, शैतान सिंह और छतराराम तीनों फरार है। रीट परीक्षा प्रकरण में इन शिक्षकों का क्या रोल इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। – श्याम सुंदर सोलंकी, संयुक्त निदेशक, पाली संभाग
जालोर-सिरोही और बाड़मेर में कैंसिल हो सकता है REET पेपर: पेपर लीक का मुख्य केंद्र मानते हुए लिया जा सकता है फैसला, SOG ने किया फोकस
Reet Paper Leak Latest News Update Today जयपुर
REET पेपर जयपुर के शिक्षा संकुल से निकल कर जालोर, बाड़मेर, सांचौर व जोधपुर तक पहुंच चुका था। एसओजी तीनों ही जिलों में पेपर बेचने और खरीदने वालों की सूची बना ली है। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा रीट पेपर यहीं पर पहुंचा था, इसलिए जालोर, बाड़मेर व जोधपुर के परीक्षार्थियों पर तलवार लटक सकती है। इन तीन जिलों को पेपर लीक का मुख्य केंद्र मानते हुए पेपर कैंसिल हो सकता है। यहां के परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक एसओजी जल्द ही REET पेपर लीक प्रकरण की पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी, जिसमें तीन जिलों में पेपर रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। हालांकि यह तय नहीं है कि पूरे जिले की परीक्षा रद्द होगी या इन जिलों के कुछ सेंटर्स की।
एसओजी की टीम तीनों ही जिलाें में ऐसे परीक्षार्थियों की तलाश में जुट गई है। एसओजी के एक्टिव होने से जालोर व बाड़मेर से आरोपी फरार हो चुके हैं। जालोर से ई-मित्र संचालक को पहले ही एसओजी गिरफ्तार कर चुकी है। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है।
एडीजी एसओजी अशोक राठौड़ का कहना है कि रीट पेपर लीक से जुड़ा कोई भी व्यक्ति हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने शनिवार को जालोर, सिरोही व बाड़मेर के पुलिस अधिकारियों से सांचौर में मुलाकात की थी। उन्होंने रीट पेपर से जुड़े लोगों के बारे में जांच पड़ताल की। एसओजी ने अब पूरा फोकस जालोर, बाड़मेर में कर रखा है।
राजीव गांधी सर्किल से जुड़े रामकृपाल मीणा और सुनीता पचौरी के कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। टोंक और अलवर के दो कॉलेजों को बोर्ड और आरपीएससी से बाहर होने के बावजूद परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।
शिक्षा निदेशालय ने सांचौर के लेचरर उदयराम बिश्नोई,जालोर के लेक्चरर चुन्नीलाल बिश्नोई, शैतान सिंह, छतरराम पुरोहित व बाड़मेर के भजनलाल को शनिवार देर रात सस्पेंड कर दिया था। ये सभी एसओजी के रडार पर हैं। एसओजी अब पेपर लीक में फरार आरोपियों की प्रॉपर्टी जब्त करने की तैयारी कर रही है। रीट पेपर लीक में नाम सामने आने पर फरार लोगों के परिजनों से पूछताछ होगी।
अब नया नाम आया सामने
REET पेपर लीक में जालोर स्थित कूकावास के राजू बिश्नोई का भी नाम सामने आया है। राजू ने शनिवार को वॉट्सऐप पर मैसेज लिखा था कि मुझे रीट भर्ती मामले में फंसाया जा रहा है। मेरा एनकाउंटर करने की भी तैयारी हो रही है। जयपुर में मुख्य सरगना को छोड़ कर सांचौर को टारगेट किया जा रहा है।
REET की आग शिक्षा निदेशालय तक: प्रबोधक से जिला शिक्षा अधिकारी तक जांच के दायरे में; विभाग ने पांच को किया सस्पेंड, एक बड़े अधिकारी की तैयारी
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REET 2021 परीक्षा में जैसे-जैसे धांधली की परतें खुल रही है, वैसे-वैसे इस परीक्षा में शिक्षा विभाग की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। अब तक स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप SOG की नजर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर पर थी लेकिन धीरे धीरे माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से जुड़े शिक्षकों व अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया जा रहा है। एसओजी ने अपनी जांच में जिन-जिन टीचर्स को गिरफ्तार किया है या फिर पूछताछ के दायरे में ले रही है, उन सभी को सस्पेंड किया जा रहा है। अब तक पांच को सस्पेंड किया जा चुका है जबकि एक बड़े अधिकारी पर भी जल्द ही गाज गिर सकती है।
दरअसल, REET की परीक्षा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने करवाई थी लेकिन शिक्षा विभाग की भूमिका भी कम नहीं थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सीधे तौर पर नहीं लेकिन जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी से लेकर प्रबोधक तक ने परीक्षा संचालन में हिस्सा लिया था। अब इन्हीं सब की भूमिका पर संदेह हो रहा है। एसओजी ने अपनी जांच में प्रबोधक से जिला शिक्षा अधिकारी तक को शामिल किया है। जिन जिन लोगों से एसओजी जांच कर चुकी है, उन्हें सस्पेंड भी किया जा रहा है। वहीं कुछ शिक्षक अपना नाम होने की आशंका के बाद से स्कूल से अनुपस्थित है। ऐसे शिक्षकों को भी सस्पेंड करने के आदेश शनिवार को अवकाश के दिन भी जारी किए गए।
शिक्षा विभाग ने इनको किया सस्पेंड
शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को उदाराम बिश्नोई को सस्पेंड किया था। उदाराम पॉलिटिकल साइंस का लेक्चरर है और सांचोर के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल कीलड़ा में कार्यरत था। उसे सस्पेंड करके मुख्यालय बीकानेर कर दिया गया है।
इसके अलावा जालोर के भीनमाल में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल राह के पॉलिटिकल साइंस के लेक्चरर चुन्नीलाल बिश्नोई को भी सस्पेंड कर दिया गया है। चुन्नी लाल 27 नवम्बर से ही अपने कार्य स्थल पर अनुपस्थित है।
पॉलिटिकल साइंस के ही एक अन्य लेक्चरार शैतान सिंह को सस्पेंड किया गया है। शैतान सिंह जालोर के सुराचंद (चितलवाना) के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में कार्यरत है। शैतान सिंह भी 27 नवम्बर से स्कूल नहीं आ रहा है।
बाडमेर के धोरीमन्ना के राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल के लेवल वन के टीचर भंवरलाल बिश्नोई को भी सस्पेंड किया गया है। भंवरलाल पर 25 सितम्बर को कूटरचित दस्तावेज से आधार कार्ड और एडमिट कार्ड बनाने का आरोप है। पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी है।
इसके अलावा जालौर के भीनमाल में धर्माणियों की ढाणी में स्थित सरकारी अपर प्राइमरी स्कूल के प्रबोधक छत्तराराम पुरोहित को भी सस्पेंड किया गया है। वो भी 31 जनवरी से स्कूल से बिना सूचना अनुपस्थित है। एसओजी को उसकी भूमिका पर संदेह है।
जयपुर डीईओ पर गिरेगी गाज!
एसओजी ने जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) रविंद्र कुमार से भी पूछताछ की है। ऐसे में उनकी भूमिका संदिग्ध होने पर सस्पेंड किया जा सकता है। दरअसल, जिला शिक्षा अधिकारी पर कार्रवाई राज्य सरकार स्तर पर होती है। अब तक फौजदार के संबंध में कोई आदेश नहीं हुए हैं लेकिन एसओजी से पूछताछ के चलते कार्रवाई हो सकती है।
रीट पेपर लीक में बड़ा खुलासा: शिक्षा संकुल से सब ट्रेजरी को भेजने के दौरान ही गायब कर दिया गया था पेपर
शिक्षा संकुल के स्ट्रांग रूम तक पहुंच गया बाहरी रामकृपाल, फिर फोल्डर से पेपर ही निकाल ले गया
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रीट पेपर 24 सितंबर काे शिक्षा संकुल स्थित स्ट्रांग रूम से जिले की सब ट्रेजरी में भेजते समय मास्टर माइंड रामकृपाल मीणा ने आउट किया था। पेपर लीक जयपुर काेऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर व डीईओ रविंद्र फाैजदार की मौजूदगी में रामकृपाल ने किया था। दरअसल, स्ट्रांग रूम में 2 लाॅक थे, 1 चाबी डिप्टी कोऑेर्डिनेटर बीएस बैरवा व दूसरी डीईओ रविंद्र फाैजदार के पास थी। पाराशर ने लॉक खुलवाकर बैरवा को दूसरे काम से भेज दिया था।
इसके बाद रामकृपाल ने पेपर निकाले। एसओजी पाराशर काे गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही लापरवाही बरतने पर बैरवा सस्पेंड हैं। डीईओ फौजदार काे एसओजी ने पूछताछ के लिए बुलाया था। लंबी पूछताछ के बाद एसओजी टीम दाे दिन पहले डीईओ ऑफिस भी पहुंची थी। इधर, डीईओ फौजदार ने एसओजी काे बताया है कि उसका स्ट्रॉन्ग रूम से काेई लेना देना नहीं है। उसकी जिम्मा सिर्फ परीक्षा आयाेजित करना था। वह रामकृपाल काे भी नहीं जानता। जांच में सामने आया था कि पेपर सांचाैर व बाड़मेर के कुछ अभ्यर्थियों के पास पहुंचा था, कुछ संदिग्ध भी पकड़े गए हैं। इसलिए एडीजी अशोक राठाैड़ शनिवार काे सांचाैर व बाड़मेर जाएंगे।
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3 दृश्यों से समझें- कैसे 16 लाख परीक्षार्थियों से किया गया धोखा
1. पाराशर ने बैरवा, डीईओ से स्ट्रॉन्ग रूम खुलवाया
24 सितंबर काे काेऑर्डिनेटर पाराशर ने बैरवा व डीईओ काे बुलाया और दाेनों लाॅक खुलवाए।
2. फिर बैरवा को अन्य काम से दूर भेज दिया
इसके बाद कोऑर्डिनेटर पाराशर ने बीएस बैरवा काे वहां से अन्य काम के लिए भेज दिया।
3. रामकृपाल ने लोडिंग के समय कटर से फोल्डर काटकर पेपर निकाल लिया
पाराशर व डीईओ सब ट्रेजरी भेजने के लिए पेपर गाड़ियों में भरवाने लगे। इस दौरान रामकृपाल ने लिफाफे से रीट के मूल पेपर निकाले और लिफाफे को फिर से चिपकाकर भेज दिया।
…और जो इन दृश्यों में नहीं दिख रहा
पेपर किसके कहने पर शिक्षा संकुल में रखे गए, जबकि सभी पेपर ट्रेजरी में रखे जाते हैं?
डीपी जारौली ने कहा था, लीक में राजनीतिक संरक्षण है। वह संरक्षक कौन है?
काेचिंग संचालक रामकृपाल स्ट्रांग रूम तक कैसे पहुंचा, जबकि उसके पास पेपर संबंधी काेई जिम्मेदारी नहीं थी।
उदाराम सस्पेंड, बर्खास्तगी की तैयारी; 3 शिक्षक भूमिगत
जालोर में माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम ने शुक्रवार को पेपर लीक के आरोपी लेक्चरर उदाराम विश्नाेई को सस्पेंड कर दिया। वहीं, तीन अनुपस्थित शिक्षक एसओजी रडार पर हैं। इनमें राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरांचद के लेक्चरर शैतानसिंह राजपूत, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राह के चुन्नीलाल विश्नाेई व राउप्रावि धर्माणियों की ढाणी फागोतरा के प्रबोधक छतराराम पुरोहित शामिल हैं। एसओजी ने निदेशक से इनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा है।
रीट पेपर लिक लेटेस्ट न्यूज़ टुडे
REET पेपर लीक प्रकरण- 10 से 12 लाख में बाड़मेर में बिका रीट का पेपर, ठेकेदार भजनलाल बना अभ्यर्थियों का गारंटर, 100 से ज्यादा अभ्यर्थी व गिरोह भूमिगत


रीट पेपर लिक लेटेस्ट न्यूज़ टुडे बाड़मेर
रीट भर्ती परीक्षा के पेपर लीक की आंच अब बाड़मेर तक पहुंचने के बाद तेज होने लगी है। एए क्लास ठेकेदार और महिला अभ्यर्थी को पेपर लीक मामले में एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद बाड़मेर के दर्जनों लोगों के नाम सामने आने के बाद एसओजी दबिश दे रही है, लेकिन संदिग्ध भूमिका वाले अभ्यर्थी और पेपर सप्लायर्स भूमिगत हो गए है। बुधवार को भी एसओजी की टीम ने कई लोगों के घर दबिश दी, लेकिन वे गायब मिले। रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार जालोर निवासी भजनलाल विश्नोई के बाद रामकृपाल मीणा ने उदाराम और कई लोगों को पेपर सप्लाई करना सामने आया है।
दो दिन पहले एए क्लास ठेकेदार भजनलाल को एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है। 20 से 24 सितंबर तक रीट का हल किया हुआ पेपर बाड़मेर पहुंचा था और 10-12 लाख रुपए में बेचा गया। इस दौरान कई अभ्यर्थियों को पेपर मिलने के बाद उनकी रकम देने की गारंटी ली थी। भजनलाल से पेपर हजाणियों की ढाणी धोरीमन्ना निवासी सोहनी देवी तक भी पहुंचा था जिसे भी एसओजी ने गिरफ्तार कर लिया है।
रीट के रिजल्ट से पहले ही कई अभ्यर्थियों ने बांटी थी मिठाइयां
सूत्रों की माने तो रीट परीक्षा का पेपर बाड़मेर में भी 10-20 के ग्रुप में सैकड़ों लोगों तक पहुंचा है। इस पेपर लीक में बाड़मेर के कई लोग शामिल है। इसमें वकील और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोग भी है। जब 26 सितंबर 2021 को रीट का पेपर हुआ था, जिन लोगों को पेपर मिला और जब परीक्षा में हूबहू पेपर आया तो इसके बाद घर पहुंचने पर कई अभ्यर्थियों ने मिठाई बांट कर जश्न मनाया था। यहां तक लोग 140 नंबर तक आने की तो गारंटी दे रहे थे। पेपर उपलब्ध करवाने वाले गिरोह के लोगों का गुणगान करते हुए नहीं थक रहे थे। अब एसओजी ने दबिश दी है तो ऐसे लोग भी भूमिगत हो गए, जिन्होंने लाखों में डील करके पेपर लीक किया था।
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विधायक का करीबी है भजनलाल,सीएम,मंत्री के साथ फोटो वायरल
बाड़मेर के महावीर नगर निवासी एए क्लास ठेकेदार भजनलाल विश्नोई चौहटन विधायक पदमाराम का करीबी बताया जा रहा है। जब एसओजी ने भजनलाल को महावीर नगर मकान से पकड़ा था। इस दौरान कई विधायकों ने भजनलाल को बचाने के लिए अप्रोच लगाई। इसके बाद पंजाब से एक विधायक रवाना भी हो गए थे। एडीजी अशोक राठौड़ के सख्त निर्देश के बाद एसओजी की टीम उसे लेकर जयपुर रवाना हो गई।
जहां उससे पूछताछ में कई अहम राज खुले हैं। इसके बाद अब उसे गिरफ्तार किया गया है। हजाणियों की ढाणी निवासी महिला अभ्यर्थी सोहनी देवी पत्नी रघुनाथराम को भी एसओजी ने गिरफ्तार किया है। एसओजी को सोहनी देवी के घर तक पहुंचने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद जब सोहनी देवी को पेपर लीक में पकड़ा गया तो उसने बताया कि उसकेे 121 नंबर ही आ रहे हैं। आरोपी भजन लाल विश्नोई के सोशल मीडिया पर सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी के साथ फोटो वायरल हो रहे हैं।
इंटरनेट बंद था, परीक्षा से पांच दिन पहले ही दर्जनों डोंगल खरीदे, किराए के मकानों में चला नकल रैकेट
शहर से लेकर गांव तक पहुंचा रीट का पेपर
रीट पेपर लीक मामले में बाड़मेर के गिरफ्तार ठेकेदार भजनलाल विश्नोई व सोहनी देवी से पूछताछ में एसओजी को कई महत्वपूर्ण अहम सुराग मिले है। इसके बाद बाड़मेर के एक वकील मनोज विश्नोई की संदिग्ध भूमिका आ रही है। गिरोह में शामिल लोगों को पहले से ही अंदेशा था कि रीट परीक्षा के दिन इंटरनेट बंद रहेगा। ऐसे में गैंग ने 5 दिन पहले ही ब्राॅडबैंड डोंगल खरीद लिए थे। इन डोंगल से वाईफाई कनेक्ट करके 8-10 जगह पर पर 10-20 लोगों का ग्रुप बनाकर हल पेपर उपलब्ध करवाकर नकल करवाई।
ठेकेदार भजनलाल का नजदीकी मनोज भूमिगत
सूत्रों के मुताबिक जयपुर एसओजी मुख्यालय पर भजनलाल से पूछताछ के बाद पेपर लीक में बाड़मेर के वकील मनोज विश्नोई पुत्र गंगाराम निवासी महावीर नगर का नाम सामने आया है। इसके बाद बुधवार को एसओजी की टीम ने महावीर नगर आवास पर दबिश दी तो मनोज वहां से गायब मिला। उसकी लोकेशन भी बाड़मेर में नहीं आ रही है। बाड़मेर पुलिस की मदद से एसओजी की टीम आरोपी मनोज की तलाश कर रही है। भजनलाल ने अपने रिश्तेदार और अन्य लोगों को रीट पेपर उपलब्ध करवाने के बाद उनकी रकम उपलब्ध करवाने की गारंटी ली थी। पूछताछ में कई लेनदेन सामने आएंगे। आने वाले दिनों में एसओजी कई बड़े खुलासे कर सकती है।
परीक्षा से एक दिन पहले ही मिल गया पेपर
बाड़मेर में 26 सितंबर को रीट के एग्जाम थे, जबकि इसके एक दिन पहले ही पेपर बाड़मेर के गिरोह के पास पहुंच गया था। उसने पहले ही लोगों की लिस्ट तैयार कर रखी थी। अगल-अलग जगह किराए के कमरे लिए गए, जहां 8-10 लोगों को सामूहिक बिठाया गया। उनकी पहले तलाशी ली, कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान पास नहीं रखने दिया। इसके बाद रात के 10 से 12 बजे तक पेपर की काॅपी अभ्यर्थियों को दी और इसके बाद वापिस ले ली। इसके लिए पहले से ही प्रिंटर, डोंगल और अन्य सेटअप लगा दिया गया था। वाईफाई से कनेक्ट के बाद गिरोह के लोग व्हाट्सएप से ही कॉलिंग और अन्य सूचनाओं का आदान प्रदान करते थे।
अब REET लेवल-1 में भी धांधली!: एक अभ्यर्थी ने भरे 6 आवेदन, बोर्ड ने सभी पर जारी किए प्रवेश-पत्र; जांच में जुटी SOG
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REET भर्ती परीक्षा में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। लेवल-2 के बाद अब लेवल-1 में बड़ी धांधली सामने आई है। जोधपुर के बालकिशन नाम के अभ्यर्थी ने लेवल-1 के लिए 6 आवेदन किए थे। सभी को सही मानते हुए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने बालकिशन को 6 प्रवेश पत्र जारी कर दिए थे। अब इस पूरी प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। बालकिशन ने लेवल-1 में खुद के ग्रेजुएट होने की जानकारी दी है, जबकि लेवल-2 में खुद को ग्रेजुएट नहीं बताया है।
बालकिशन ने लेवल-1 में खुद के ग्रेजुएट होने की जानकारी दी है, जबकि लेवल-2 में खुद को ग्रेजुएट नहीं बताया है।
REET के दौरान जहां एक ही परिवार के अभ्यर्थियों को दूरदराज परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए थे। वहीं 6 आवेदन करने वाले बालकिशन को एक ही सेंटर जयपुर के लॉ कॉलेज में प्रवेश-पत्र जारी किया गया।
REET के दौरान जहां एक ही परिवार के अभ्यर्थियों को दूरदराज परीक्षा केंद्र अलॉट किए गए थे। वहीं 6 आवेदन करने वाले बालकिशन को एक ही सेंटर जयपुर के लॉ कॉलेज में प्रवेश-पत्र जारी किया गया।
दरअसल, 34 साल के बालकिशन के इन सभी आवेदन में फोटो और मोबाइल नंबर अलग-अलग और माता-पिता का नाम व उम्र एक बताई ही है। बोर्ड के नियम के अनुसार एक अभ्यर्थी के एक से ज्यादा आवेदन होने पर उन्हें निरस्त कर उसका सिर्फ एक ही आवेदन मान्य होता है।
बालकिशन के मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने ऐसा नहीं किया। बालकिशन को जयपुर के ही लॉ कॉलेज में 6 आवेदन के आधार पर छह प्रवेश पत्र जारी कर दिए। ऐसे में लेवल-1 की परीक्षा भी अब SOG के दायरे में आ गई हैं।
बालकिशन का प्रवेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब SOG की टीम भी इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
बालकिशन का प्रवेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब SOG की टीम भी इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।
बालकिशन के सभी छह आवेदन पर एक ही परीक्षा केंद्र मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रदीप पाराशर की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
बालकिशन के सभी छह आवेदन पर एक ही परीक्षा केंद्र मिलने के बाद माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और प्रदीप पाराशर की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
रीट में कुल 6 आवेदन करने वाले बालकिशन की तस्वीरों में काफी बदलाव है। जबकि माता-पिता समेत मूल जानकारी सभी की एक जैसी है।
रीट में कुल 6 आवेदन करने वाले बालकिशन की तस्वीरों में काफी बदलाव है। जबकि माता-पिता समेत मूल जानकारी सभी की एक जैसी है।
एक ही अभ्यर्थी के 6 आवेदन भरने और पांच निरस्त नहीं होने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
एक ही अभ्यर्थी के 6 आवेदन भरने और पांच निरस्त नहीं होने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है।
REET के लेवल-1 और लेवल-2 का कोर्स लगभग एक जैसा ही होता है। इस वजह से बड़ी संख्या में तैयारी कर रहे अभ्यर्थी दोनों लेवल की परीक्षा देते हैं। बालकिशन ने भी REET के लेवल-1 में 6 आवेदन करने के बावजूद लेवल-2 में भी आवेदन किया। इसके बाद REET लेवल-1 में बालकिशन के 150 में से 132 नंबर आए हैं। लेवल-2 में बाल किशन 150 में से महज 32 नंबर ही हासिल कर पाया। जिस वजह से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और REET लेवल-1 भर्ती प्रक्रिया पर भी धांधली का आरोप लग रहा हैं।
REET पात्रता प्रमाण- पत्र में लेवल-2 में बालकिशन के महज 32 अंक आए हैं।
REET पात्रता प्रमाण पत्र में लेवल-1 में बालकिशन के 132 अंक आए हैं।
प्रवेश-पत्र और पात्रता प्रमाण-पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस पूरे मामले पर जानकारी लेनी चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ऐसे में अब देखना होगा शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और SOG की टीम इस पूरे मामले पर क्या कदम उठाती है।
संसद में गूंजा REET पेपर लीक विवाद: राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और हनुमान बेनीवाल ने उठाया मुद्दा, बेनीवाल बोले- परीक्षा रद्द कर CBI से कराएं जांच
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और हनुमान बेनीवाल ने संसद में उठाया रीट परीक्षा में धांधली का मुद्दा।
रीट विवाद की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच गई है। लोकसभा में आज रीट नकल विवाद का मुद्दा गूंजा। जयपुर ग्रामीण से बीजेपी सासंद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और नागौर सासंद हनुमान बेनीवाल ने आज लोकसभा में रीट में हुई नकल और धांधलियों का मुद्दा उठाया। हनुमान बेनीवाल ने रीट को रद्द कर गड़बड़ियों की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की।
लोकसभा में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने रीट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राजस्थान में बहुत बड़ा भर्ती घोटाला हुआ है। 2017 के बाद चार साल के बाद रीट की परीक्षा हुई। चार साल से युवा नौकरी का इंतजार कर रहे थे, लाखों युवाओं ने हिस्सा लिया। रीट में भारी धांधली हुई है, पेपर लीक हुआ है, सामूहिक नकल हुई, ये सारी शिकायतें पुलिस और प्रशासन तक उम्मीदवारों ने पहुंचाईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
बेनीवाल बोले- रीट रद्द कर धांधलियों की हो सीबीआई जांच
लोकसभा में हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान का युवा आंदोलित है। रीट के एग्जाम में भारी धांधली हुई है, हम चाहते हैं कि रीट रद्द हो और इसकी धांधलियों की सीबीआई जांच हो। लोकसभा में मामला उठाने के बाद बेनीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि रीट के मामले में जब एसओजी यह मान चुकी है शिक्षा संकुल से पेपर चोरी किया गया। इससे जाहिर है कि मामले के तार कई आईएएस अफसरों, सरकार में बैठे जिम्मेदारों और सीएमओ तक जुड़े थे। इसकी सीबीआई जांच जरूरी है।
रीट पर सियासत तेज
रीट की धांधिलयों पर राजधानी जयपुर में भी सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेर रही है। बीजेपी के अलग-अलग विंग प्रदेश भर में धरने प्रदर्शन कर रहे हैं। अब लोकसभा में भी यह मामला बीजेपी सांसद लगातार उठा सकते हैं। बीजेपी की रणनीति रीट के मुद्दे परद गहलोत सरकार को जयपुर से लेकर दिल्ली तक घेरने की है। 9 फरवरी को राजस्थन विधानसभा का बजट सत्र शुरु हो रहा है, बजट सत्र में भी बीजेपी इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुकी है।
REET रद्द होगी या नहीं, सुनवाई 8 फरवरी को!:

परीक्षा में धांधली को लेकर भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका, हाईकोर्ट करेगा सुनवाई
विवादों में घिरी REET-2021 को लेकर 8 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई करेगा। याचिकाकर्ता ने रीट पर रोक लगाने की मांग की है। उधर, राजस्थान सरकार ने 32 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए 9 फरवरी तक आवेदन मांगे हैं। पेपर लीक में SOG जांच, भर्ती प्रक्रिया और अदालत में सुनवाई के बीच शिक्षक की नौकरी का सपना देख रहे लाखों युवा परेशान हैं। रीट के रद्द होने या फिर भर्ती लटकने की आशंका है।
दरअसल, रीट भर्ती प्रक्रिया को रद्दकर सीबीआई जांच की मांग को लेकर याचिकाकर्ता भागचंद शर्मा राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच पहुंचे हैं।
अलग-अलग मांग को लेकर इस सिलसिले में अब तक तीन याचिकाएं दायर हो चुकी हैं। जस्टिस महेंद्र गोयल की खंडपीठ अब 8 फरवरी को इन सभी पर एक साथ सुनवाई करेगी। भागचंद ने कहा कि एसओजी ने रीट पेपर लीक माना है। इसके बाद सरकार ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारौली समेत आला अधिकारियों को बर्खास्त किया। ऐसे में भर्ती परीक्षा भी रद्द की जानी चाहिए। साथ ही इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। तभी प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को न्याय मिल सकेगा।
दो याचिकाओं में मांग- भर्ती प्रक्रिया पर लगे रोक
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि राज्य सरकार की जांच एजेंसी SOG खुद मान चुकी है कि पेपर शिक्षा संकुल से चोरी हुआ था। पेपर करोड़ों रुपए में बेचा गया था। ऐसे में भर्ती परीक्षा को रद्द करना चाहिए और जांच पूरी होने तक नियुक्ति प्रक्रिया पर भी रोक लगानी चाहिए। क्योंकि अगर नियुक्ति प्रक्रिया को नहीं रोका गया तो परीक्षा में अपात्रों को नियुक्ति मिल जाएगी और योग्य अभ्यर्थी बाहर हो जाएंगे।
तीसरी याचिका में पूरी भर्ती परीक्षा रद्द न करने की अपील
दूसरी तरफ हाईकोर्ट में अमरचंद मीणा और अन्य की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कोर्ट पूरी भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं करे। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हंसराज निम्बड़ ने बताया कि लेवल फर्स्ट का पेपर लीक नहीं हुआ था। एसओजी ने भी यह माना है कि पेपर लेवल-2 का ही लीक हुआ है। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द नहीं करने के साथ-साथ लेवल 1 की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई जाए।
तीनों पर एक साथ सुनवाई करेगी अदालत
सबसे पहले 28 जनवरी को छात्र भागचंद ने रीट भर्ती परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। इसके साथ ही एडवोकेट राम प्रताप सैनी ने भी रिजल्ट रोकने की याचिका लगाई। इसके बाद 31 जनवरी को अमर चंद मीणा रीट लेवल वन का परिणाम जारी करने की मांग को लेकर अदालत पहुंच गए। अब गुरुवार को इन तीनों याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख तय की गई है।
राज्य सरकार ने नहीं माना लीक
पेपर लीक प्रकरण पर होने वाली सुनवाई से पहले हाईकोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस जारी होने के बाद सरकार ने अदालत में जवाब पेश किया है। इसमें राज्य सरकार ने माना कि पेपर भले ही परीक्षा से पहले बाहर आ गया था, लेकिन इसे लीक की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। वहीं, दूसरी ओर SOG ने अपनी जांच में पेपर को लीक मान रही है। ऐसे में अब इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश के 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को 8 फरवरी का इंतजार है।
बता दें कि रीट का रिजल्ट सिर्फ 36 दिन के अंदर जारी कर दिया गया था। परीक्षा के लिए इस बार 25 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें बोर्ड ने 11 लाख चार हजार 216 को पात्र घोषित किया है। लेवल-1 के लिए 3 लाख तीन हजार 604 और लेवल-2 के लिए 7 लाख 73 हजार 612 को पात्र घोषित हैं। इनमें से मेरिट के आधार पर 32 हजार शिक्षकों को नियुक्ति दी जाएगी। इस बीच भर्ती प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही प्रदेशभर में विरोध शुरू हो गया है।